Categories: शेर-ओ-शायरी
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उम्र लग गई
ख्वाब छोटा-सा था, बस पूरा होने मे उम्र लग गईं! उसके घर का पता मालूम था , बस उसे ढूंढने मे उम्र लग गईं !…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
आँखों को इंतज़ार की आदत नहीं रही
आँखों को इंतज़ार की आदत नहीं रही अच्छा हुआ के प्यार की आदत नहीं रही मिलती नहीं किसी से तबियत हमारी अब हमको किसी भी…
लेख:- ब्राण्डेड बुखार
लेख:- ‘ब्राण्डेड बुखार’ आजकल हर व्यक्ति अपने निजी काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करने मे विश्वास रखता है। सबसे ज्यादा ध्यान तो इस…
कविता : वो सारे जज्बात बंट गए
गिरी इमारत कौन मर गया टूट गया पुल जाने कौन तर गया हक़ मार कर किसी का ये बताओ कौन बन गया जिहादी विचारों से…
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Thnks
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सही कहा आपने
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धन्यवाद
खूब कही
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Nice line
धन्यवाद