प्यार के दो मीठे बोल

कुछ वक्त की ज़िन्दगी है,
फ़िर तो हमको है जाना
कुछ समझौते भी हुए यहां,
कुछ उपहार मिले माना
खाली हाथ ही तो आए थे,
खाली हाथ ही है जाना
ये तो निर्भर, करता है हम पर ,
कैसे करेगा फ़िर याद हमें ज़माना
बस प्यार के दो मीठे,
बोल ही रह जाते हैं..
यही आज इस दिल को है बताना
इसीलिए “गीता” गाए ये गाना..
बस , प्यार के दो मीठे
बोलों का रह जाना..
बस, यही है मेरी ,
ज़िन्दगी का अफ़साना..

*****✍️गीता*****

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Responses

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति ।
    सच कहा आपने ।
    किसी का स्थायी ठीकाना नहीं
    फिर क्यूँ न मधुरता को ही अभिव्यक्ति बनाया जाय।

  2. बस , प्यार के दो मीठे
    बोलों का रह जाना..
    बस, यही है मेरी ,
    ज़िन्दगी का अफ़साना।
    बहुत सुंदर बहुत लाजवाब अभिव्यक्ति। अतीव सुन्दर

    1. सुन्दर समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी 🙏
      प्रेरक समीक्षा हेतु बहुत बहुत आभार सर ।

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