बारिश ने लिया अवकाश है
सुनहरी धूप है,
चारों तरफ प्रकाश है,
आज लगता कि
बारिश ने लिया अवकाश है।
यूँ तो बारिश के बिना
इस जिन्दगी कल्पना
कर नहीं सकते हैं हम
सृजन की प्रमुख साज है।
फिर भी उसी के साथ
सूरज की किरण भी है जरूरी,
इस समन्वय के बिना
सृजन की गति रहती अधूरी।
धूप हो, बरसात हो
सबको सुखद अहसास हो,
जिंदगी सिंचित रहे,
पथ में नया प्रकाश हो।
Atisunder kavita
Thank you ji
सुन्दर प्रस्तुति
सादर आभार
Atisundar
Thanks