बेटी घर की शान है
बेटी घर की शान है, बेटी है अभिमान,
बेटी का सम्मान कर, कहना मेरा मान,
कहना मेरा मान, उसे भी पढ़ा-लिखा तू,
अवसर देकर आज, उसे भी खूब बढ़ा तू,
कहे लेखनी मान, उसे खुशियों की पेटी,
आशा की है किरण, उसे कहते हैं बेटी।
बेटी घर की शान है, बेटी है अभिमान,
बेटी का सम्मान कर, कहना मेरा मान,
कहना मेरा मान, उसे भी पढ़ा-लिखा तू,
अवसर देकर आज, उसे भी खूब बढ़ा तू,
कहे लेखनी मान, उसे खुशियों की पेटी,
आशा की है किरण, उसे कहते हैं बेटी।
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कहे लेखनी मान, उसे खुशियों की पेटी,
आशा की है किरण, उसे कहते हैं बेटी।
******बेटी पर आधारित आपकी बहुत सुंदर रचना है,बहुत ही सुन्दर विचार और भाव लिए हुए छंद बद्ध शैली में उच्च स्तरीय रचना, वाह
इस बेहतरीन समीक्षा हेतु बहुत बहुत धन्यवाद गीता जी
बहुत सुन्दर भाव
बहुत बहुत धन्यवाद
वाह बहुत खूब
सादर धन्यवाद
बेटियों पर बहुत ही सुन्दर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद
Vvery beautiful poem based on daughters
बहुत बहुत धन्यवाद सर
Very beautiful
Thank you