भारत – माता की जय बोल।
भारत – माता की जय बोल।
हरित रंग में रंगी धरित्री
रंगों की बिखरी बरसात,
गेंदा, अड़हुल, मस्त- चमेली
पवन संग झूमे पारिजात।
वल्लरियाँ गातीं नित डोल
भारत – माता की जय बोल।
मेघ सलिल भर लाते गगरी
सावन देशप्रेम में झूमा,
पावन इस धरती को विह्वल
कोमल निज अधरों से चूमा।
राग रसिक छेड़े अनमोल
भारत -माता की जय बोल।
कुमकुम, चंदन, उड़ता परिमल
कलियों की मादक अंगड़ाई,
भ्रमर करे गुंजार बीन – सी
मधुर- मधुर स्वर – लहरी आई।
कोयल कूक रही मुँह खोल। भारत – माता की जय बोल।
अनिल मिश्र प्रहरी।
भारत माता की जय बोल
बहुत सुंदर पंक्तियां
Thanks.
अति सुंदर
Thanks.
भारत माँ की जय हो
Thanks.
भारत माता के प्राकृतिक सांस्कृतिक तथा सामाजिक संरचना का सुंदर वर्णन करती हुई देशभक्ति से परिपूर्ण रचना
Thanks.
सुंदर पंक्तियाँ
Thanks.
वाह वाह क्या बात है
Thanks.