मजदूरो के बच्चे
मेरे घर के सामने
मजदूरो का जमावड़ा लगा था
ईंटो का ढेर बड़ा था
शायद कोई बंगला बन रहा था.
कोई मजदूर ईंटे ढो रहा था
कोई दीवार चिन रहा था
हर मजदूर काम मे लगा था
बच्चों की कोई परवाह नहीं कर रहा था.
हम अपने बच्चों को
धूल भी नहीं लगने देते है
और मजदूरो के बच्चे देखो
किस तरहा मिटटी मे लेटे है.
मिटटी उड़ा उड़ा कर
खेल रहे है मजदूरों के बच्चे
सब अपने कर्मो का खाते
ये कहते है हम वचन सच्चे
गाढ़ा पसीना बहाया
अपने परिवार के लिए कमाया
शाम को खरोंच भरे हाथों से
बच्चे को गोद मे उठाया.
म से मिटटी म से मजदूर
नाता मिटटी से गहरा है
कितना शोर मचा ले बेचारे
ना सुनेगा उनकी, समाज हमारा बहरा है.
सुन्दर
Nice
Very nice
Wow
Nice
Nice
Nice
Wah
वाह बहुत सुंदर
😭😭😭
Good