मजदूर हूं साहब
मैं मजदूर हूं साहब यह सौभाग्य है मेरा, देश के लिए करना मजदूरी काम है मेरा। करते करते मजदूरी देश को समृध्द बनाऊंगा, आन बान…
मैं मजदूर हूं साहब यह सौभाग्य है मेरा, देश के लिए करना मजदूरी काम है मेरा। करते करते मजदूरी देश को समृध्द बनाऊंगा, आन बान…
मजदूर ही राष्ट्र का निर्माता, इनको हम क्यों भूल गये । चन्द रूपये पाकर हम, इनको हम क्यो अलग किये।।
हमें गर्व है तुम पर, मेरे मित्र मजदूर । किस्मत को मत कोसों, हम है बहुत मजबूर।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
बहुत आहत हुआ हूं देख तुम्हरा हाल, एक मशाल जलाऊंगा बनकर मैं मिशाल। मजदूर नहीं मजबूर होगा करूंगा मैं प्रयास, मुझ पर भरोसा रखना मैं…
दो जून की रोटी कमाने निकला था ंमजदूर घर वापस आया तो दर्द के सिवा कुछ नहीं था ।
चादर बांट हौसले मुझे नहीं तोड़ना, मजदूर भाई मुझे तुम्हारा राह नहीं मोड़ना। तुम्हारे हक का हम दे सकें मेहनताना, बड़े बनकर तुम्हारा हक मुझे…
कभी झांक कर देखना मजदूर के घर, मजदूर कितना मजबूर हो गया है । टूट के बिखर कर कितना दुखी हो गया, पेट के भूख…
मजदूर का दर्द कोई ना जाने बस सब बाते करते हैं वह खाता है सूखी रोटी सब माखौल उड़ाते हैं
इस संसार में ना जाने कितने चेहरे है, जिम्मेदारीयों पर बहुत सारे पहरे है। मजदूर परेशान क्यो है जान तो लिजिए, उसके किस्मत पर ना…
अन्तर्मन की वेदना पढ़ ना सके कोय, मजदूर की मजदूरी दे ना सके कोय। खून पसीने कौन बहता बैठ कर खाते लोग, मजदूर की मेहनत…
शान से जीना शान से मरना मजदूर की यही निशानी है। एक एक कतरे का हिसाब दे मौज में रहना ईमानदारी है।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
कविदीप लिखों एक ऐंसा संदेश, जो मजदूरों का हक करें अदा । खून पसीने का सही मुल्य मिले, आपके लेखनी को पढ़ मजदूर हो फिदा।।…
मजदूर है जीता शान से, देख खुशी तिलमिलाए अमीर। मजदूरी करके चैन से सोता खाट पर, मखमल का बिस्तर आराम ना दें शरीर को।। महेश…
कहानी बड़ी सुहानी है, मजदूर की बड़ी मेहरबानी है। सिना ठोंक डटे है रहता, यही तो मजदूर का ईमानदारी है।। महेश गुप्ता जौनपुरी
महल के बिस्तर चुभते रहते, धन दौलत में अमीर जीते मरते। मजदूर के जैसे खुदकिस्मत कहा, चैन से कभी कहां सोते रहते।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
बेसुध हो पड़ा है ंमजदूर जमीं पर ओ खुदा! थोड़ा तो रहम कर इस पर
लिख कवि लिख कवि लिख भावनाओं में बहकर लिख खुशीयों में फूदक कर लिख दर्द आह महसूस कर लिख तन्हाई को साथी बनाकर लिख लिख…
बड़े बड़े भामाशाह और उद्योगपति का संस्कार को मार दिया कोरोना ने मति सोनू सूद नमन है आपके प्रेरणा को मजदूर के हातालो को बखूबी…
एक तरफ मजदूर परेशान दूजी ओर किसान फिर सब कहते हैं देखो मेरा देश महान
मजदूरों की समस्याओं को सिर्फ एक ही व्यक्ति ने समझा है सोनू सूद ने बन फरिश्ता उनको घर पहुंचाया है।
जेष्ठ की तपती धूप में, एक माँ अपने छह महीने के बेटे को अपनी पीठ में बांध कर मजदूरी कर रही थी। बच्चा भूख व…
भोजपुरी गीत- फिर उहे दिनवा | फिर उहे दिनवा लउटिहे की नाही | रोवत चिरइया कबों चहकीहे की नाही | फिर उहे दिनवा लउटिहे की…
सोचा था जो वो पुरा ना हो सका बदलते हालात को देख मैं अपना ना हो सका आंखों के आंसूओं को मैं अपने पोंछ ना…
कर सकें तो मदद करें मजदूर पर राजनिति नहीं आये दिन देखने को मिल रहा है सभी राजनीति पार्टियां मजदूरों पर राजनीति करने के लिए…
सरकारी बाबू बनकर है बैठे, गरिब मजदूर से पैसे हैं ऐंठे । नमक हलाल से बचाये भगवान, अफसर के भेष में है दलाल बैठे।। ✍…
मजदूर हू मजबूर नहीं तेरे जैसे वीडियो के सामने मदद लेने से इनकार करता हू लाखों दूर घर की और सफर करता हूँ बिना किसी…
“गाँव याद आये” ************** हमें क्या पता आज,ये दिन देखना पड़ेगा | न जाने कैसी मजाक,आज तूने किया है || हँसते हुए निकले घर से,भूख…
कर दी हैं अब लाल वो राहें भारत माँ के वीरों ने नाप रहे हैं कदम कदम से मीलों दूरी भी तकलीफों से।।
बालश्रम के कलंक को, चलो मिटाये मिलकर हम। देकर छोटू को विद्या उपहार, सारे कसक को मिटाये हम।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
बच्चें को बचपन तपाना मंजूर था, मेहनत मजदूरी की रोटी कुबूल था। शान से जीना शान से मरना मां ने सिखाया था, इसलिए आत्मसम्मान में…
प्रस्तुत है हाइकु विधा में कविता:- मजदूर हूँ पैदल चल पड़ा घर की ओर विपदा आयी सबने छोड़ दिया मौत की ओर आशावादी हूँ खुद…
लाॅकडाउन बढ़ाते रहो अध्यादेश लगाते रहो आखिर जो आप मंत्री ठहरे। मजदूरों को भगाते रहो शराबियों को अजमाते रहो आखिर जो आप मंत्री ठहरे।।
ओ बीते दिन ये उन दिनों की बात है,जब बेरोजगारी का आलम पूरे तन मन मे माधव के दीमक में घोर कर गया था,घर की…
मजदूर हूँ मैं मजबूर नहीं। नहीं कभी चिंता अपन रोटी की सबका घर मैं भरना चाहूँ। चिलचिलाती धूपों ने जलाया, कभी बारिश के पानी ने…
मुझमे थोड़ी सी अच्छाई, शायद बाकी है इस लिए ठोकरे राहों में बेसुमार है मुझमे तेरी पड़छआई शायद बाकी है की आज भी टिका हुआ…
हौसला ‘बिन मेहनत के रोटी नही मिलती,गरीब के घर मे खुशियाँ नही सजती। हौसलों के पंख से उड़ान कितनी भी भर लो,पर पेट की भूख…
कड़वाहट दुनिया मे जो है कड़वाहट वह मिर्च पर भारी है, मेरे जीने का हुनर मेरी मौत पर अब भारी है। दिन भर मजदूरी करके…
मेरे घर के सामने मजदूरो का जमावड़ा लगा था ईंटो का ढेर बड़ा था शायद कोई बंगला बन रहा था. कोई मजदूर ईंटे ढो रहा…
इस आजाद भारत में आज भी मेरी वही दशा है. छुआ – छूत का फंदा आज भी मेरे गले में यूहीं फंसा है. मै हूँ…
उठी है एक आवाज, सत्ता को पलटने के लिए, जागी है एक भावना,जन जन की चेतना के लिए, गूंजी है एक पुकार,कुछ बदलने के लिए,…
इज्जत इज्जत के बचावे खातिर मालिक घर को तोडे या जोडे। मालिक अपनी सुझ बुझ से घर वाले को सडक पर कर सकता है ।…
मेरा शौक नहीं है मजदूरी , बस हालात की है मजबूरी, चाहे हो चिलचिलाती धूप , चाहे हो कड़ाके की ठंड , चाहे हो सावन…
किसान हाँ मैं ही हूँ किसान साहब जो खोतो में काम करता हैं बैल को भाई मानता खेत को धरती माता हल को पालन हार…
“हम खुद काम जल्दी कराने के लिये रिश्वत देते है फिर देश मे भ्रष्टाचार बहुत है ये सोच कर हमे बुरा क्यो लगता है…………. हम…
गम और तन्हाई का साथ नहीं मजबूरी हैं साहिब ये और कुछ नहीं इश्क में मिली मजदूरी हैं साहिब….!! -देव कुमार
सुनी सुनी सी बात लगे इस बस्ती में, कुछ तो है जो ख़ास लगे इस बस्ती में, कभी सोंच आज़ाद लगे इस बस्ती में, कभी…
******************** अपनी सांसों में उर्जा भरकर निर्माण जो करता नवयुग का औरों को सुख-सुविधा देकर करे सामना हर दुख का जो रूके अगर, रूक जाए…
अपनी सांसों में उर्जा भरकर निर्माण जो करता नवयुग का औंरों को सुख-सुविधा देकर करे सामना हर दुख का जो रूके अगर, रूक जाए दुनिया…
Being a civil engineer,for all civil engineers…hahahaha.. गुजारी है ज़िन्दगी मैंने , सीमेंट और रेत मिलाने में कैसे भला कोई इश्क़ करे, हम मजदूरों के…
सच्ची राह पे अगर तेरा एक कदम भी नेकी से पड़ा है। तो अगले ही कदम पे तेरा रब तेरे साथ में खड़ा है। …
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