Categories: मुक्तक
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न्याय बीमार पड़ी है, कानून की आँख में पानी है
अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहे हैं भारत की बेटी पर। रो-रो कर चढ़ रही बिचारी एक-एक करके वेदी पर ।। भिलाई से लेकर दिल्ली…
प्रेम का संदेश दें
अपनी खुशियों पर रहें खुश दूसरों से क्यों भिड़ें, बात छोटी को बड़ी कर पशु सरीखे क्यों लड़ें। जिन्दगी जीनी सभी ने क्यों किसी को…
चलो थोड़ा जादू करते हैं
चलो थोड़ा जादू करते हैं जनता के दिल को छूती हुई एक कविता लिखते हैं झोपड़ियों में पल रही भूख से टकराते हैं छोटे छोटे…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
Nice
थैंक्स
मार्मिक
धन्यवाद
वाह