माँ

माँ ममता का सागर है,
प्रेम का छलकता गागर है।
माँ की महिमा को यूं जानें,
कि माँ हमें इस दुनियाँ से,
नौ माह पूर्व ही जाने।
हमें यह दुनियाँ दिखाने को,
प्रभु ने चुन लिया माँ को।
प्रभु का प्रतिनिधि है माँ,
माँ ही है प्रथम गुरु,
माँ से ही यह जीवन शुरू।।
_____✍️गीता

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Responses

  1. माँ ममता का सागर है,
    प्रेम का छलकता गागर है।
    माँ की महिमा को यूं जानें,
    कि माँ हमें इस दुनियाँ से,
    नौ माह पूर्व ही जाने।
    सुंदर पंक्तियां और मां पर भावाभिव्यक्ति

  2. प्रभु का प्रतिनिधि है माँ,
    माँ ही है प्रथम गुरु,
    माँ से ही यह जीवन शुरू।।
    ———– कवि गीता जी की बहुत सुंदर पंक्तियां। माँ वास्तव में ईश्वर का प्रतिनिधि है । माँ ही जीवन में सब कुछ है। सुन्दर प्रस्तुति

    1. कविता की इतनी सुन्दर और सटीक समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी।उत्साह वर्धन टिप्पणी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

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