Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शत्-शत् नमन करें
शत्-शत् नमन करें उनको , जो राष्ट्र-हित में शहीद हुए। जन-जन रो देता है सुन वे वीर गति को प्राप्त हुए। पुत्र खोने का दर्द…
सत्यम की राह
सत्य कि राह दिखाते बुध्द, बिछड़ों को मिलाते बुध्द । परेशान आत्मा को गले लगाकर, दुःख दर्द को सारे हर लेते बुध्द।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
हम उस देश के वासी है ।।
हम भारत के वासी है, संस्कृति हमारी पहचान है । सारी जहां में फैली हुई, हमारी मान-सम्मान है । सादगी है हमारी सबसे निराली, अजब…
मंज़िलें नज़दीक है…
सफर शुरू हुआ है मगर मंज़िलें नज़दीक है… ज़िंदगी जब जंगलोके बीच से गुजरे, कही किसी शेर की आहट सुनाई दे, जब रात हो घुप्प…
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धन्यवाद
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धन्यवाद
👏👏👏
धन्यवाद
👌👌
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Nyc