Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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अपनी अपनी मेहनत का,
खाए सब संसार
कह गए विद्वान लोग,
यही जीवन का सार।
—— बहुत ही शानदार रचना। उच्चकोटि की प्रस्तुति। श्रेष्ठ रचना
इतनी सुन्दर, और उत्साह वर्धन करती हुई समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी
वाह अति उत्तम कविता
बहुत-बहुत धन्यवाद पीयूष जी
बहुत ही सही कहा है
धन्यवाद प्रज्ञा