Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
यादें
साज़ …….. बुझती… बंद होती.. यादो की मोमबत्तीयाँ…. दे जाती हैं याद… आज भी मधुरिमा। याद रह जाते हैं …कुछ शब्द…गूंज बनके… कहकहे हवाओं में…
एक कोशिश बिना मोमबत्ती बुझाए जन्मदिन मनाने की(२)
सगे संबंधियों को भी बुलाते हैं केक काटने से पहले मोमबत्ती भी बुझाते हैं पर यह क्या ?? जिस कुलदीपक और घर की लक्ष्मी की…
जब भी वो आ जाती है
जिंदगी में उम्मीदें जैसे दोबारा आ जाती है इस कदर से खुमारी उसकी मुझपे छा जाती है। यारो तुम्हें पता है ऐसा कब होता…
वन डे मातरम
स्वतंत्र हैं हम देश सबका। आते इसमें हम सारे हर जाती हर तबका।। सोई हुई ये देशभक्ति सिर्फ दो ही दिन क्यूँ होती खड़ी। एक…
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Thank you
वाह
🌺🌺
Thank you
Good
Thank you
Waah
❤️❤️❤️❤️
वाह बहुत सुंदर
धन्यवाद
🤔🤔