*ये ज्योति-पर्व है****एक दीप जलाएं*
ये ज्योति-पर्व दिवाली है,
अन्धकार को दूर भगाएं
पहले स्नेह बरसाएं सब पर,
फ़िर खुशियों के दीप जलाएं
नव्य-प्रभा, नव-प्रकाश से,
नए विचार हों, नई कल्पना
चहुं ओर वैभव, सुख बरसे,
पूर्ण हो सबका हर सपना
जिसमें सभी संग समाएं,
एक ऐसा संसार बनाएं
पहले स्नेह बरसाएं सब पर,
फ़िर खुशियों के दीप जलाएं
उनका भी सोचें जो देश के लिए,
अपने घर ना आ पाए
हो गए शहीद देश की खातिर,
उनके भी नाम एक दीप जलाएं..
*****✍️गीता
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। दिवाली पर सुन्दर कविता
बहुत बहुत धन्यवाद सतीश सर,🙏
बहुत खूब रचना
बहुत बहुत धन्यवाद
good
Thanks