लौटकर शीघ्र आऐंगे बाद-ए-कहर
चल रहे छोड़कर हम तो तेरा शहर दोस्तों।
लौटकर शीघ्र आऐंगे बाद- ए-कहर दोस्तों।।
साथ तेरा मिला हमें कदम -दर-कदम।
चीन से आके वाइरस ये बड़ा बेरहम।।
है ये कैसा मचाया जुल्म -ओ-कहर दोस्तों।
चल रहे छोड़कर हम तो तेरा शहर दोस्तों ।।
मेहनत से हमने भी तुझको अन धन का भंडार दिया।
तूने भी तो मुझको निज बच्चे -सा हीं प्यार दिया।।
बैठ के खाऊँगा आखिर कब तक इस कदर दोस्तों।
चल रहे छोड़कर हम तो तेरा शहर दोस्तों।।
लौटकर शीघ्र आऐंगे बाद -ए-कहर दोस्तों।।
👌
🌹 -ए-शुक्रिया
🙏
बहुत खूब
हार्दिक धन्यवाद
बहुत अच्छा।
धन्यवाद जी
Nice poetry
Thanks
Too good …very nice poem Shashtri ji.
Thank you for your comment
A-1
Thank u very much
सुन्दर रचना
धन्यवाद
Wah Pandit ji bahut khoob
धन्यवाद
अच्छी रचना
धन्यवाद
वाह
धन्यवाद
धन्यवाद
👍👏