Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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स्वागत कैसे करें तुम्हार
कान्हा तेरो स्वागत है बारम्बार ! जनमाष्टमी आए सबके जीवन में हर बार ! मोर मुकुट तेरो सिर पे सोहे तू जन -जन के मन…
रितुराज के आवन पे
रितुराज वसंत के आवन पे बसुधा ने कण कण सजा लिया है । शबनम की बारिश से धरणीधर और तृण तरुवर सब नहा लिया है।।…
गंगा बहती है जहाँ
गंगा बहती है जहाँ *************** रीषिमुनियो की तपोभूमि बसती हैं वहाँ सबसे पावन भूमि है मेरी गंगा बहती है जहाँ ।। हरदिन से जुड़ी एक…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
बेटी पढाओ अपनी शान बढाओ
कोमल हमेशा अपने माता पिता से डाट फटकार सुना करती थी। जबकि कोमल आठवीं कक्षा के छात्रा थी। पढ़ने लिखने में अपनी क्लास में अव्वल…
सचमुच ऋतुराज है वसंत 🙏
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Ati sunder
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