सच्ची दोस्ती सच्चा प्यार (भाग -२)
(आपने अगले पेज में पढा कि, अमित अपनी उलफत की दास्तां अपने दोस्त सुरेश को सुनाया। क्योंकि, अनिता के प्यार में वह पागल हो गया था। सुरेश अमित को किस तरह सही रास्ते पर ला कर खड़ा किया। आगे पढिए—-)
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सुरेश -“वह तुम्हारा अमानत नहीं है। अपने को संभालो अमित। इस संसार में लड़कियां उसे ही चाहती है जिसके पास दौलत और गुण हो। गुण तभी जन्म लेगा जब तुम मन लगा कर पढाई में मेहनत करोगे। हर लड़की की एक सपना देखती है कि, उसका पति एक अच्छे एमप्लाएड हो ताकि, सुकून से दो वक्त की रोटी उसे खिला सके। आज तुम्हारे पास है ही क्या? सिवाए दुःख के।दोस्त, इस संसार में डूबता हुआ सुरज को कोई नहीं देखता। मै चाहता हूँ कि
तुम एक नयी प्रभात बन कर उसे प्रभावित करो जिसने तुम्हें धिक्कारा है”।सुरेश के बातों का प्रभाव अमित पर गहड़ा पड़ा। बस उसी दिन से कुछ करने का जज्बा उसने ठान लिया। अनिता से अमित धीरे धीरे दूरी बनाने के प्रयास करने लगा। वक्त यों ही गुज़रता गया। अमित अच्छी पढाई के लिए वह शहर छोड़ दिया। जिस शहर में उसे नफरत ही नफरत मिला। एक नया जीवन शुरू करने के लिए वह दक्षिण भारत चला गया। वहाँ वह दिन में कहीं काम करता था और रात में पढाई किया करता था। उसका मेहनत व इमानदारी को देख कर एक सेठ अपनी कंपनी के प्रबंधक बना दिया। वह अपनी मेहनत व लगन से उस कंपनी को आगे बढाने का प्रयास करने लगा।
(शेष हम अगले पेज में लिखेंगे। धन्यवाद दोस्तों)
Nyc
वाह
👏
Good
waah ji waah