Categories: मुक्तक
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
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वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ जीवन को खुशहाल बनाओ, धरा को सुसज्जित करके वायुमंडल को स्वच्छ बनाओ। वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ तन मन को प्रफुल्लित कर…
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