हम इशारा जानते हैं

नाफ़हम मत समझना
हम इशारा जानते हैं,
आपकी नज़रों की जुम्बिश
की दिशा पहचानते हैं।
जर्ब मत दो इस तरह
सीने में अपने नैन से
सह न पाएंगे न जी पाएंगे
फिर हम चैन से।
शब्दार्थ —
जुम्बिश – हरकत
जर्ब – चोट

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

क्या है भारत।

क्या है भारत । एक कल्पना है ये भारत, हरिअर वन-खलिहानो की रहे सूखी जहाँ ये धरती तो उसे भारत नही समझना एक उम्मीद है…

Responses

+

New Report

Close