2021 शुभ शगुन
आ रहा है दौ हजार इक्कीस का नव वर्ष
करते हैं हम दिल से अभिनंदन बार-बार
इक्कीस अंक होता है प्यारा सा शगुन
आना तुम हर जीवन में शुभ शगुन रूप धार
पग पैंजनीया बांध आना हर जीवन में रूप नव्य धार
उमंग,उल्लास,उम्मीद लाना जैसे नव शिशु मारे किलकार
वसुधा पर फैले हर और ऐश्वर्य अपार
मेहनत,हिम्मत,जुनून बन छाना जैसे तरुणाई मारे ललकार
हर परिवार में आना बन तीज-त्यौहार
सफलता, स्नेह, सम्मान सर्व को जैसे गुरु पाऐ सत्कार
विश्व में भाईचारा हो, विस्तृत हो शुभ विचार
भय,विपदा,कोरोना पर तुम करना सिंह सा प्रहार
विदाई बेला सब कहे ना जा मेरे यार
आ रहा है दौ हजार इक्कीस का नव वर्ष
करते हैं हम दिल से अभिनंदन बार-बार।
सुधार के लिए सुझाव का स्वागत है।
बहुत ही सुन्दर भाव हैं, बहुत ही सुन्दर शिल्प है। आपने सुधार के लिए सुझाव मांगा है इसलिए कहना चाहता हूं कि
“इक्कीस अंक होता है प्यारा सा शगुन
आना तुम हर जीवन में शुभ शगुन रूप धार
पग पैंजनीया बांध आना हर जीवन में रूप नव्य धार”
—– इन पंक्तियों में “धार” शब्द के स्थान पर “धर कर” हो तो हिंदी का प्रवाह व शब्दावली और निखर जायेगी। इसमें प्रयुक्त “धार” धारण करने का बोध नहीं दे पा रहा है। बुरा न मानियेगा
बहुत बहुत धन्यवाद
हमे अच्छा लगा आपने सुझाव दिया आगे से ध्यान रखेंगे
बुरा मानने वाली बात ही नही हैं।
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने अनु..
मेरा बहुत मन था कि आप कुछ लिखें
भाव, नवीनता तथा शब्दों का चुनाव भी अच्छा है
तुकान्त बिठाने में भी आप काफी सफल रही हैं…
आपकी कविता से बहुत कुछ सीखने को मिला है मुझे..
नववर्ष मंगलमय हो अनु…
बहुत बहुत आभार
आपके कहने पर ही लिखी है प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद प्रज्ञा
आप कमी बता देना हमे अच्छा लगेगा
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें प्रज्ञा
बहुत सुंदर अनु जी
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
शुक्रिया जी
नववर्ष शुभ हो
अतिसुंदर
बहुत आभार