वो भी क्या दिन थे
वो भी दिन थे
_________ क्या पल छिन थे
जब तुम मेरे हुआ
_____________करते थे
गीत गुनगुनाते थे
प्रेम के लफ्ज़ हुआ करते थे
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रिमझिम बारिश की
फुहार में भीगते थे बदन
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होंठो पर सुर्ख गुलाब
हुआ करते थे
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अनगिन वक्त रहता था
तुम्हारे पास
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तुम मेरे पास वक्त-बेवक्त
हुआ करते थे
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कमाल हैं तुम्हारे बहाने भी
कभी वक्त नहीं होता था
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तो कभी एकाकीपन
में जिया करते थे ।
Nice
धन्यवाद
Nyc
वाह
बहुत सुन्दर रचना
बहुत सुंदर