आवाज

अपने आवाज को बुलंद करके देखो,
अपने वाणी में मधुरता घोल करके देखो।
पावनता में तुम एक बार जी कर देखो,
रिश्तों को हवा पानी खाद एक बार दे कर देखो।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

Related Articles

वाणी

मानव का गहना है वाणी, वाणी का भोगी है प्राणी । मधुर वचन है मीठी खीर, कटु वचन है चुभता तीर । सद वचन है…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close