‘जंग का ऐलान’
जंग का ऐलान हम नहीं करते,
पर जंग छिड़ जाने पर पीछे नहीं हटते।
यही तो है हम हिन्दुस्तानियों का हुनर,
सिर कटा सकते हैं पर झुका नहीं सकते।
आखरी साँस तक लड़ते हैं हम फौजी देश के लिए,
शहीद हो जाते हैं पर हिम्मत हार नहीं सकते।
हारना तो हमको आता ही नहीं है और,
कभी दहशतगर्द हम पर विजय पा नहीं सकते।
मिट जाते हैं हँसते हुए हम अपने देश के लिए,
पर कभी दुश्मन को पीठ दिखा नहीं सकते।
हम दुश्मन को खदेड़ आते हैं उसकी जमीं तक,
चीन हो या चाहे पाकिस्तान हमसे पार पा नहीं सकते।
हम फौजी शेर का जिगरा रखते हैं,
तिरंगे में लिपट सकते हैं मगर तिरंगा झुका नहीं सकते।
कुर्बान हो जाये भले जिस्म का कतरा-कतरा,
अपने देश की मिट्टी का एक टुकड़ा तक गवाँ नहीं सकते।
आ तो सकते हैं बेशक जिन्दा हमारी सीमा पर दुश्मन,
पर हमारी गोलियों से बचकर जिन्दा जा नहीं सकते।
हमें हिन्दुस्तान ही प्यारा है, तिरंगा ही तो जान हमारा है।
‘भारत माता की जय’ के सिवा कुछ भी हम गा नहीं सकते।
🇮🇳 ‘जय हिंद जय भारत’🇮🇳
मेरा शत शत नमन सभी फौजी भाईयों को🙏🙏🙏
रचनाकार:-
प्रज्ञा शुक्ला ‘सीतापुर (उत्तर प्रदेश)
Nice
🙏🙏
बेहद खूबसूरत रचना 💯💯
बहुत अच्छा सृजन
आभार भाई 🙏🙏🎈🎈
वेलकम
अच्छी रचना
Thanks
वेलकम
👏👏❤❤🌹🌹
Beautiful poem
Thanks
Jay hind jay bharat
Thanks
बेहद खूबसूरत बेहतरीन और उत्साहवर्धक रचना
Thanks
भारत माता की जय
Thanks
Great poem awesome 👌👌👌👏👏👏
Thanks
Bahut achcha likha hai aapne
Thanks
Awesome poem
Thanks
अति सुंदर रचना भावपूर्ण शब्दों को बहुत ही चुनकर लिखा गया है और बहुत ही उत्साहवर्धक देशभक्ति से ओतप्रोत रचना
Dhanyawad
Aap sbka aabhar
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
बहुत सुंदर रचना प्रज्ञा जी
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Thanks for comment Priya
Jay hind jay Bharat
Nyc
धन्यवाद आदरणीय