‘एक सवाल’

‘एक सवाल’:-

अजीब विडंबना है देश की
एक ही समय पर एक ही बात के लिए
स्त्री पुरुष के लिए अलग-अलग नियम क्यों?
यह बात मेरी समझ से परे है।
और आए दिन यह सवाल मेरे मस्तक पटल पर घूमता रहता है कि आज के इस वैज्ञानिक युग में भी स्त्री और पुरुष के लिए अलग-अलग नियम क्यों?
यदि कोई पुरुष विवाह के उपरांत पर स्त्री से संबंध रखता है। तो बस यही कह कर टाल दिया जाता है कि वो तो आदमी है।
परंतु यदि यही कार्य स्त्री करे तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है।
स्त्री-पुरुष दोनों एक ही ईश्वर की रचना है तो नियमों में इतना फेर क्यों?
क्या पुरुष का समाज की सभी स्त्रियों पर अधिकार है
परंतु पत्नी का अपने पति पर भी नहीं।
यही एक सवाल अक्सर मेरे मस्तक पटल पर घूमता रहता है। और मुझे निराशा की ओर ले जाता है।

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Responses

      1. आपके समस्या बहुत ही गंभीर है और इसको samapt karne ka samay hai

  1. हमारा देश पित्र प्रधान रहा है पर अब यह प्रथा बदल जाएगी जब आत्मसम्मान की सोच सामने आएगी

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