तिलक तुम्हारी माया नगरी
तिलक तुम्हारी माया नगरी बदनाम हो रही है।
नशा नग्नता गुण्डागर्दी अब सरेआम हो रही है।।
चोरों का आतंक नगर में -डर नहीं लगता ।
ठगों के गिरोह डगर में – डर नहीं लगता।।
ड्रग्स का सेवन दिन रात करे पर – डर नहीं लगता।
खरीद फरोख्त दिन रात करे पर – डर नहीं लगता।।
अर्द्धनग्न होकर नित रहना- डर नहीं लगता।
रोज रोज नव मित्र बदलना – डर नहीं लगता।।
डर तो तब लागे जब जय जय श्री राम हो रही है।
तिलक तुम्हारी माया नगरी बदनाम हो रही है।।
अति सुन्दर प्रस्तुति
धन्यवाद
यथार्थ परक अभिव्यक्ति
शुक्रिया बहिन
बहुत खूब
धन्यवाद
लाजवाब लेखनी 👏👏
धन्यवाद
वाह, अतिसुन्दर
बहुत बहुत धन्यवाद
अति उत्तम रचना।
तहे दिल से शुक्रिया
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद