गति

क्या करूँ क्या न करूँ उथल पुथल सी होती है मन में हर दम एक गति सी होती है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

लक्ष्य

क्या लक्ष्य है नहीं , बढ़ोगे कैसे ,चढ़ोगे कैसे गिर गिर कर फिर उठोगे कैसे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

वसुधा

हे वसुधा के, प्राण प्यारों स्वच्छ रखना इस धरा को स्वच्छ भारत हम बनाएं जन जन को यह समझाएं -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

उपवन

सुन्दर वन उपवन भारत में हमने यहाँ जन्म लिया प्रभु ने हमको धन्य किया -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

संकल्प

ह्रदय में है यदि ,संकल्प शक्ति तो तुझे कोई रोक नहीं सकता लक्ष्य पाने के लिए तो गिर गिर कर है ,उठना पड़ता -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा…

चलना

क्यों बुझे हैं ,द्वीप ह्रदय के तुझे जग आलोकित ,है करना नव उमंग उत्साह लिए, प्रति पल बाधा से है लड़ना -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

तम

जिस दिशा में दृष्टि जाती, दिखता तम ही तम है दूर करदे शीघ्रता से, तेरे उर में जो अहम है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

मोह

न डरना तुम काली रातों में, न आना माया मोह की बातों में फास न जाना झूठे, रिश्ते नातों में -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

द्वीप

सदियों से छाए अंधकार को, दूर भगाओ मानव तुम ,अंतर् तम के, द्वीप जलाओ -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

जग

ऐ दुनिया वालों, तुम्हे हम मान गये हैं ठोकरें खा क्र तुम्हे, पहचान गए हैं -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

तम

मेरे तिमिरमय जीवन में , अलोक बन के आओगे आओ तुम ,में एक मरुपथ हूँ, घनघोर घटा बन छाओगे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

नवल

नवल सृजन हो,नवल सृष्टि हो उर अंतर में,नवल बृष्टि हो नवल दिशा हो नवल दृष्टि हो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

समय

अभी हस रही थी , कितनी द्वीप मालाएं अभी रो उठी, बुझ गयीं आशाएं -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

साथी

अभी साथ थे देखो, प्राण प्यारे साथी अभी अभी जाली एक नवल बाती कहीं रुदन है ,कहीं हास् है समय बड़ा घाती -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

अंतर

है कैसी अंतर पुल कन, जिससे में पुलकित हूँ है घनघोर पतझड़, फिर भी में सुरभित हूँ -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

पथिक

है अकेला हर पथिक, अपने पथ को पाना होगा घोर अँधेरा छा रहा है , तम निशा से लड़ना होगा -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

दिवस

सांझ दिवस और रैन में, बीएस तुमको ही पुकारा है सृष्टि के कण कण में, तुमको ही पुकारा है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

तूफ़ान

पास मेरे आते हो, क्यों बार बार पुछा मैंने जब तूफ़ान से, तूफान बोलै ,तुम्ही हज़ारों में मिले इंसान से -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

भगवान

मिल जाये कहीं , मुझे पूछना है भगवान से तुमने चुने क्यों रास्ते, मेरे लिए वीरान से -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

पौधा

पौधा लगाया मैंने , सोचा बृक्ष बन छाया देगा बृक्ष बन गया जब, गिरा दिया,मिटा दिया मुझे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

दिशा

भवर मैं था ,सोचा न था तूफ़ान भी आएगा गिरिफ्त मैं ले मुझे अपरिचित दिशा पहुँचाएगा -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

दौड़

दौड़ते परायी है जो अपनी मंजिल छोड़ कर कठिन है रास्ता कदम रखना सोच कर साथ न कोई आएगा अकेले तुझे जाना है जग मेरी…

उजाला

उजाला पाने की छह मैं में, चलता रहा चलता रहा पर अँधेरा बस अँधेरा रह मैं मिलता गया -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

भवर

भवर मैं पहुंचा तो, सोचा मुझे आएगा कोई बचाने किनारे पर भीड़ थी लाखों की, कुछ चेहरे कुछ जाने अनजाने देखती रही दुनिया मुझको न…

वक़्त

ऐ वक़्त तू कितने रंग बदले, बह रही हो सृजन धार क्यों प्रलय बन निकले तू कितने रंग बदले -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

बरखा

बरखा जरा प्यार बरसा दे कब से प्यासा अंतर है तू प्यास बुझा दे बरखा जरा प्यार बरसा दे बरस बरस बरखा मेरी कितने तुमको…

संसार

संसार मैं रहना है, संसार मैं जीना है मिलती हैं कुछ खुशियां, कुछ गम भी पीना है कभी होंठों पर मुस्कान कभी आंसू पीना है…

गीत

मैं गीत क्या रचूंगी, तुम प्रेरणा न बनते मेरे निष्ठुर उर मैं, वन वेदना न उठते मैं गीत क्या रचूंगी तुम प्रेरणा न बनते -विनीता…

कदम

खामोश न रहो , नज़रों को न झुकाओ पीछे न तुम देखो, आगे कदम बढ़ाओ -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

वीर

छोड़कर घर अपना , सीने पर झेली गोली बहा अपने लहू को , ली बचा मांगों की रोली -विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)-

माँ

माँ न होती, तो यह श्रष्टि न होती पृथ्वी है माँ, प्राण है माँ उचित अनुचित की , द्रष्टि है माँ -विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)-

कर्तव्य

घर न जो बना सके, वो क्या बनायंगे देश को कर्त्तव्य मर्यादा न जाने, क्या चालयंगे देश को -विनीता श्रीवास्तव (नीरजा नीर)-

भूमी

मानव जीवन का ,सार है गीता हम हैं अर्जुन ,कृष्ण है गीता कर्म का सार है यह गीता हम हों भ्रमित, तो सारथी गीता -विनीता…

कर्म भूमी

कर्म भूमी है हमारी मर्म भूमी है हमारी बार बार प्रभु आते जहाँ पे देव भूमी है ये हमारी मातृ भूमी है हमारी भारत माँ…

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