Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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हमन प्रबुधिया नोएन गा
“हमन परबुधिया नोएन गा” ************************** जांगर पेरत पसीना चुचवावत, भुइय्या के छाती म अन उगावत, चटनी बासी के खवैय्या आवन न, येहर धान के कटोरा…
मोर रंग दे बसंती चोला, दाई रंग दे बसंती चोला
ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
एहे बरस के सावन मे (भोजपुरी गीत)
सावन में सावन में, एहे बरस के सावन मे आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं एहे बरस के सावन मे सावन में सावन में , एहे……………………………………..…
बरखा रानी
देखो धरा की आहें , मेघ बन नभ पर छायी है, कब पीर नीर बन बरस जाए, घनघोर घटा छायी है, रिमझिम करती बरखा रानी,…
Waah