जेष्ठ की तपती धूप
जेष्ठ की तपती धूप में, एक माँ अपने छह महीने के बेटे को अपनी पीठ में बांध कर मजदूरी कर रही थी। बच्चा भूख व…
जेष्ठ की तपती धूप में, एक माँ अपने छह महीने के बेटे को अपनी पीठ में बांध कर मजदूरी कर रही थी। बच्चा भूख व…
(आपने अगले पेज में पढा कि, अमित अपनी उलफत की दास्तां अपने दोस्त सुरेश को सुनाया। क्योंकि, अनिता के प्यार में वह पागल हो गया…
…नंबर अच्छे आये।) अब आगे… एक दिन मैने उससे पूँछा कोई ज़िंदगी में है तुम्हारी? उसने कहा नहीं । मुझे पता था की वो किससे…
एक था अंधा एक था लंगड़ा । दोनों का याराना हो गया तगड़ा।। आग लगी जब गाँव में । सब भागने लगे शीतल छाँव में।।…
कॉलेज का पहला दिन था थोड़ी देर से गई क्लास में जाकर बैठी,शिक्षाशास्त्र पढ़ाई जा रही थी । सब मुझे देख के अचंभित थे।बहुत सवाल…
अनिता नाम था। देखने में साँवली सलोनी। उसकी आँखें किसी गहड़ी झील से कम नहीं था। उसकी मुस्कान व अदा का क्या नाम दें, मेरे…
ओ बीते दिन ये उन दिनों की बात है,जब बेरोजगारी का आलम पूरे तन मन मे माधव के दीमक में घोर कर गया था,घर की…
मैं खिड़की पर खड़ा था और वह दरवाजे पर खिड़की से दरवाजे कि ये दूरी तब भी थी जब वह मेरे पास आ रही थी…
वह तो रोज़ की तरह ही नींद से जागा था, लेकिन देखा कि उसके द्वारा रात में बिछाये गए शतरंज के सारे मोहरे सवेरे उजाला…
प्यारी गौरैया! आज तुम्हें इतने दिनों बाद अपनी छत पर देख अपने बचपन के दिन याद आ गए ,तब तुम संख्या में हमसे बहुत ज्यादा…
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
मिनी पैट्रोल पम्प समर अपनी नयी बाइक से फर्राटे भरते हुये घर से निकला।वह अपनी किराने की दुकान का सामान लेने लालपुर जा रहा था।रास्ते…
“काशी से कश्मीर तक सद्भावना यात्रा सन1994” किसी भी यात्रा का उद्देश्य सिर्फ मौजमस्ती व् पिकनिक मनाना ही नहीं होता | यात्राएं इसलिए की जाती हैं…
दिन की शुरुआत अंगीठी के उठते धुएं से शुरू होती पकाती परिवार के लिए रोटी फिर भी सुने समाज की खरी-खोटी थक जाए कितना भी…
एक बच्चा,अपने मन से कुछ बनना चाहता था पर मां-बाप की ही उस पर चलती रही. जैसा हम कहते हैं वैसा ही करो और उसकी…
मुंह में राम बगल में छुरा लिए आते हो अपनी गंदी राजनीति से सबको लड़वाते हो क्या फर्क पड़ता है कि तुम हिंदू हो या…
एक बाग में था पेड़ हरियाणा विशालकाय, सुंदर, मतवाला बैठा हो जैसे साधना में तपस्वी कोई सम्पूर्ण, समृद विशाल हृदय वाला. जागृत हो जाता होते…
इतने सालो से अपने कंधो पे जिम्मेदारी माँ की ले रखी है माँ की तू बेटी है घर की तू तरक्की है अनपढ़ माँ की…
इस आजाद भारत में आज भी मेरी वही दशा है. छुआ – छूत का फंदा आज भी मेरे गले में यूहीं फंसा है. मै हूँ…
उद्धव जी कहते हैं गोपियों से । परमेश्वर को पहचानो , सत्य उसे ही जानो । क्यों रोती उसके लिए ,ये रोना छोड़ो और मेरी…
उद्धव जी कहते हैं गोपियों से । परमेश्वर को पहचानो , सत्य उसे ही जानो । क्यों रोती उसके लिए ,ये रोना छोड़ो और मेरी…
काली आधी रात में, दुनिया देख रही थी सपने | आलस का आलम था चहु ओर रात भी लग रही थी ऊंघने | तब मैंने…
******** ठंड******** ठंडी का मौसम था और चीनू की बीमार माॅ मुंबई जाने वाली थी दवा कराने के लिए चीनू बडे सुबह ही उठ कर…
आत्मकथा दोस्तो मैं बहुत गरिब परिवार से रह चुका हूॅ बात उस समय की है जब मै क्लास सेकेंड में पढता था ।उस समय मुझे…
खुशियों का एहसास लाया, जब तू मेरी जिंदगी मे आया छू ना पाए तुझे मुश्किलों का साया, बीड़ा मैंने यही उठाया. दुख तुझपर कोई ना…
( लघुकथा ) एक गरीब महिला अपने परिवार के साथ एक टुटी झोपड़ी में रहती थी उसके परिवार में एक बेटी और एक बेटा था…
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