Pankaj
साधुओं की संगति से धन्य हो गये युवा
July 8, 2024 in हिन्दी-उर्दू कविता
साधुओं की संगति से
धन्य हो गये युवा,
जो सत्य को दिखाने का
सार्थक प्रयास कर रहे थे ।
रस मिला जब एक बूंद
चखने को कृष्ण नाम का फिर ,
पछताये वो माथा पकड़कर
महबूब पर क्यों मर रहे थे ।
पांव पकड़ें और रोने लगे
दिल श्याम से लगने लगा,
वो श्याम का होने लगे
होने लगा एहसास जब इस बात का,
जीवन में जीतने दर्द थे
वो कृष्ण सब कुछ हर रहे थे,
हम महबूब के चक्कर में अपना
व्यर्थ जीवन कर रहे थे ।
मंगल पांडे चितू पांडे ! Pankaj Sahani
January 17, 2017 in Other
जरा याद करो उस बलिया को
जो बीर पुरूष की धरती है
जीवन का हो उदय यहां
रोशन कुर्बानी करती है
मंगल पांडे चितू पांडे
चन्द्रशेखर जैसे बीर जहाँ
शहीद हुये इस भारत पे
कश्मीर को अपना जान कहा
हम भी है उस बलिया के
जहा रग रग मे प्रेम पनपती है
जरा याद करो उस बलिया को
जो बीर पुरूष की धरती है
सच्चे बीर सिपाही नेता
देश पे अपने जान को देता
आये बारी शहीद होने का
इतिहास भी शिश झुकाती है
याद करो उस बलिया को
जो बीर पुरूष की धरती है
Written By -Pankaj Sahani