किसान

August 26, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

दोष है आपका,रब का या सरकार का
झूल गया जो फंदे पर आज खेत वो न जा सका।

एक कृषक की कहानी क्या यहीं पर खत्म हुई,
या फिर कुछ बातें उनकी अनकही ही रह गई!

भाग्य अपने हाथों से है सब यहां लिख रहा
देश का सोना उगाने वाले हाथों को फिर
क्या हुआ?

दोष है आपका,रब का या सरकार का
क्यों हार जाता है किसान अपनी जिंदगी
से हर दफा??