Ashutosh Chaudhary
उसके कजरारे नैनों में….
April 13, 2016 in ग़ज़ल
कल दिल ने फिर गोते मारे, उसके कजरारे नैनों में
हम अपना सब कुछ फिर हारे, उसके कजरारे नैनों में
उसके नैनों में उतरे जब, तब जा के हमने जाना ये
हैं छुपे हुए कितने तारे, उसके कजरारे नैनों में
ना जाने कैसा जादू था उन काली-काली अँखियों में
कि भूल आया मैं गम सारे, उसके कजरारे नैनों में
जब तक वो मेरे साथ रहे, पल कब गुजरे, कुछ याद नहीं
थे रुके समय के भी धारें, उसके कजरारे नैनों में
कल से मेरा ये दिल मुझसे बस ये ही पूछे जाता है
कब जाओगे फिर से प्यारे, उसके कजरारे नैनों में
@आशुतोष चौधरी @@
दुल्हन की तरह मिल
April 12, 2016 in ग़ज़ल
सहरा में मुझे तू किसी गुलशन की तरह मिल
मैं मर रहा हूँ आ मुझे जीवन की तरह मिल
तुझे देखकर शायद मुझे कुछ साँस आ जाए
बेजान से इस दिल को तू धड़कन की तरह मिल
मैं उम्र भर तुझको ही बस सुलझाने में रहूँ
तू रोज़ मुझे एक नई उलझन की तरह मिल
चल माना हकीक़त में मुझे मिल नहीं सकती
पर ख्वाब में तो तू मुझे दुल्हन की तरह मिल
@@आशुतोष चौधरी @@