ये इश्क है

May 2, 2018 in शेर-ओ-शायरी

कोई दीवाना कहता है हमको, कोई पागल करार देता है
ये इश्क है महरबान हमपर, हरपल बेशुमार देता है

मेरी कविता

March 27, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरी कविता लफ़्जों को नहीं
अहसासों को जोड़ती है
तोड़ती है अकर्मण्य बेड़ियों को
लोगों को जोड़ती है

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