Deepika Singh
ये इश्क है
May 2, 2018 in शेर-ओ-शायरी
कोई दीवाना कहता है हमको, कोई पागल करार देता है
ये इश्क है महरबान हमपर, हरपल बेशुमार देता है
मेरी कविता
March 27, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता
मेरी कविता लफ़्जों को नहीं
अहसासों को जोड़ती है
तोड़ती है अकर्मण्य बेड़ियों को
लोगों को जोड़ती है