by Jyoti

किस से सिकवा करू

August 24, 2018 in शेर-ओ-शायरी

किस से सिकवा करू, किस से सिकायत करू ;
जब अपना समझा ही नही तो किस से दिल की बात कहूँ।

ज्योति।

by Jyoti

सचमुच तु “अटल” रहा

August 17, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

✍✍देखो देश को कैसे बचा लिया इसने ,
देश के खातिर साँसो से लोहा लिया इसने
झंडा झुके ना आजादी दिवस की
कैसे यमराज को टहला दिया इसने।
अटल तेरी गाथाये संसार मे गूँज रहा
सचमुच तु “अटल” रहा ।।✍✍

ज्योति

by Jyoti

ये मतलबी दुनिया मे मेरा कोई ना अपना मिला

July 26, 2018 in शेर-ओ-शायरी

✍✍ये मतलबी दुनिया मे मेरा कोई ना अपना मिला,,

जो    मिला लिबाज की तरह बदल कर दर्द दे निकल पड़ा।।✍✍✍

by Jyoti

जो लिबाज की तरह बदल गये

July 26, 2018 in शेर-ओ-शायरी

✍✍जो लिबाज की तरह बदल गये जवाने उसी को बहादुरी दी,,
जो इंसानयत पर डटे रहे जवाने उसी को गाली दी✍✍✍

by Jyoti

काश मेरे हाथ मे किश्मत का लकीर होता

July 26, 2018 in शेर-ओ-शायरी

✍✍काश मेरे हाथ मे किश्मत का लकीर होता ,,
तो शायद तुम्हारा ही नाम होता।।✍✍
ज्योति

by Jyoti

सुना है इश्क की बजार खुली है मेरे शहरो मे

July 21, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

सुना है इश्क की बजार खुली है मेरे शहरो मे,
जो जहजे दिल के आदमी है उनके लिए नया आँफर लाया है मेरे शहरो ने।
अब मेरे शहरो मे कोई इश्क से बीमार नही मिलेगा ना ही लचार मिलेगा मेरे शहरो मे।।
चलो दिल की बात कह देते है —
अगर पैसा है तो महोब्बत और इश्क की बजार खुल गयी है मेरे शहरो मे,,
पैसे देकर आँख लगाओ कोई गुणाह नही,,
इश्क की बजार बहुत महँगे है यारो जो-जो गये शायद लड़खाड़ा के आये मेरे शहरो मे।।✍✍✍
ज्योति

by Jyoti

बंजर भुमी मे बीज नही बारूद बोयेगे

July 21, 2018 in शेर-ओ-शायरी

बंजर भुमी मे बीज नही बारूद बोयेगे
कह दो अब दुश्मन से हाथ जोड़ेगें नही बार करवायेगे✍✍
– ज्योति

by Jyoti

काश मेरे मुल्क मे ना जाती ना धर्म होती

July 21, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

✍✍✍काश मेरे मुल्क मे ना जाती ना धर्म होती ,
शिर्फ एक इंसायनित की नाम होती,,
तो दिल्ली मै बैठे गद्देदार की रोटी नही सिझती।
रामायण और कुरान मे भेद बताकर अपनी रोटी सेकते है गद्देदार ,,
अगर बच्चे प्रर्थाना करते तु ही राम है,तु रहीम है, तु करीम —–
तो सौ वर्षो से हो रही गाथा मे भेद बताकर मुल्क को बाटँते हो गद्देदार,
अब बस करो अपनी रोटी सेकना गदे्दार मेरे बच्चे के हाथ मे फुल के बदले हथियार देना बंद करो।
मेरे मुल्क को मत बाँटो तु बाँट लो अपना परिवार हो सके तो छोड़ मेरे मुल्क को चल जा दुसरे मुल्क के गद्देदार को पकड़ ले तु हाथ,,
मेरे मुल्क को मत बाँटो गद्देदार।।
खुन पसीना से सीचा है गाँधी इसे मत तु कर वर्वाद ,
तु छोड़ दे मेरे मुल्क को गद्देदार।।✍✍✍
ज्योति

by Jyoti

मत करना प्यार आज की युवती से

July 21, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

✍✍ मत करना प्यार आज की युवती से,

प्यार नही सौदा करती आज की युवाओ से,

पैसा- को महत्व देती

वो ना देगी प्यार ,

वादे तो बहुत होगी पर पैसा लेगी हजार,

पैसा- पैसा करती रहेगी देगी अपनी दोस्त की इग्यजाम्पल हजार,

जी-ओ का फोन दिला दो बीडीओ काँल करेगे हजार वार,

एेसी बोलेगी तेरे चेहरे के बीना नींद नही आती यार।

बाद मे कोई बहाना बनाकर निकल परेगी यार,

आज की युवती से ना करो प्यार।।✍✍

by Jyoti

इतना जगह दिया तुझे दिल की फुलवारी मे

July 21, 2018 in शेर-ओ-शायरी

✍✍इतना जगह दिया तुझे दिल की फुलवारी मे,
तु दो खुदगर्ज निकली तोड़ ली सारी फल और झकोर दी मेरी कोमल सी फुलवारी।✍✍✍
– ज्योति

by Jyoti

तुमसे मिलने की तमन्ना अभी भी बाकी है

July 18, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

कंकड वाले रास्ते हो ,या हो साफ रास्ते,
सफर को पुरा करने के लिए अरमान बाँकी है।
बाँध लिया कफन तेरे नामो की माथे पर ,,
तेरे सफेद हाथो मे मेहदी लगाने का ख्वाइश अभी बाँकी है।।
कह दो जवाने वालो को खुल- कर मेरे चाहने वाले को दुआ देने वाले अभी भी बाकी है।
तेरे साथ कदम- कदम मिलाकर चलने की -और
आसमान से सितारे तोड़कर तेरे पाँव के नीचे सजाने का अरमान अभी बाँकी है।
अगर कोई सिकवा हो हमसे तो बोल देना मेरी खव्वाइश को पत्थर मरवाकर लहुँ-लुहाँन करवा देना,
अपने दरवाजे की समाने मुझे दफना देना ,
क्योकि ख्वाइश और अरमान किसी के दिल मे एक बार पलता ,,
अब तुम्हारा इच्छा मेरी ख्वाइश को दफना देना या मेरे डोली चार चाँद लगवा देना।✍✍✍✍

ज्योति

by Jyoti

इस ख्वाइशों की समन्दर ने मुझे चखना-चुर किया

July 18, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

✍✍इस ख्वाइशों की समन्दर ने मुझे चखना-चुर किया।
अपनी मीठी धारा दिखाकर मुझे लहूँ- लुहाँन किया है✍✍✍
ज्योति

by Jyoti

इंसान तेरी गजब सोच

July 18, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

इंसान तेरी गजब सोच ,
पत्थर के जानवर के साथ खिचाते हो पीक,
और जीवित जानवर को पत्थर मारकर भगाते हो,
अजब तेरी सोच गजब तेरी सोच

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