Meenakshi Garg
नया साल और मेरा प्यार
December 24, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता
नया साल और मेरा प्यार…..
अक्सर तेरे ख़्यालों में शाम हो जाया करती थी,
अब एक साल और बीत चला तेरे इंतज़ार में,
काश कि इस नए साल में मेरा प्यार मिल जाए…..!!
अक्सर तेरा मेरे ख़्वाबों में आना कितना हसीन था,
काश कि मेरा हर ख़्वाब हक़ीक़त बन जाए,
काश कि इस नए साल में मेरा प्यार मिल जाए…!!
वों पलक झपकते तेरा दीदार होना,
वों तेरा सजना सँवरना,
काश कि मेरी कल्पना से तू बाहर आ जाए,
काश कि इस नए साल में मेरा प्यार मिल जाए…!!
उफ़्फ़ यें नया साल और मेरा ख़्वाबों वाला प्यार….!!
अच्छा किया तुमने याद दिला दिया……..
December 24, 2018 in गीत
अच्छा किया तुमने याद दिला दिया……..
हक नही मुझे कोई फ़रमाइश करने का,
हक नही मुझे कोई बेबुनियाद सी जिद्द करने का,
सिर्फ तुम्हारी हर ख़्वाहिश पूरी करनी हैं मुझे….
कोई हक नही मुझे अपनी बात मनवाने का,
अच्छा किया तुमने याद दिला दिया…..!!!
हक नही मुझे कोई आरज़ू रखने का,
हक नही मुझे किसी की चाहत पाने का,
तुम्हारे हर सपने को पूरा करना हैं मैंने….
कोई हक नही मुझे ख़्वाब देखने का,
अच्छा किया तुमने याद दिला दिया…!!!
कोई हक नही मुझे खिलखिलाने का,
कोई हक नही मुझे आँसू बहाने का,
तुम्हारी हर ख़ुशी गम का ध्यान रखना हैं मुझे…..
कोई हक नही मुझे मेरी ख़ुशियाँ पाने का,
अच्छा किया तुमने याद दिला दिया….!!!
कोई हक नही मुझे खुलकर बोलने का,
कोई हक नही मुझे चुप रहने का,
तुम्हारी हर बात को मानना हैं मुझे….
कोई हक नही मुझे अपनी राय देने का,
अच्छा किया तुमने याद दिला दिया….!!!
कोई हक नही मुझे अपनों को याद करने का,
कोई हक नही मुझे अपनों से मिल पाने का,
सिर्फ तुम्हारे घर में रहना हैं मुझे…..
कोई हक नही मुझे इसे अपना घर मानने का,
अच्छा किया तुमने याद दिला दिया….!!!
अच्छा किया तुमने याद दिला दिया….!!!