by Mrunal

एहसास

July 25, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

.एहसास
खोज कर रही हूं,
जिंदगी कही चली गयी है ।
कुछ कहा भी नही,
कोई संदेश नही,
कुछ पता नहीं, नहीं तो मै रुठने ही नहीं देती।
ले जाती उसे बाग में,मॉल मे,किसीं झिल के किनारे,
या फिर किसीं ऐसी जगह जहाँ
उसका दिल बहल जाता, ….थोडा सुकून मिलता ।
मैने सोचा ही नहीं,कितनी खुदगर्ज हुं मै,
हां, मैने अंधेरे में कुछ पन्नो के टुकडे देखे जरूर थे
सिसकीयां भरते हुए,
मैनेही उठाकर फेंक दिये थे,
वैसे तो लगता था के सबकुछ ठीकठाक है,
पर शायद नहीं,
इस भरी भीड में मै कितनी खो गयी,
मेरा पती,मेरे बच्चे,मेरा घर,मेरे लोग.
और कभी देखा ही नही उसकी तरफ मुडकर.

जबकी मेरे सफेद बाल, मेरा अकेलापन,
मेरा खाली बँक बॅलन्स अब पुछने लगे है ।
कल चाय की प्याली क्या गिर गयी,
बस ऐसें तेज शब्द गिर पडे,
आंखे भी आग बबुला सी,
तब ……तब कही कुछ एहसास होने लगा है,

जिंदगी कही चली गयी है ।
मै ढुंढ रही हुं उन पन्नों को
शायद कुछ लब्ज छोड गयी हो ।

by Mrunal

शहीद

July 5, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

Saavan pratiyogita me सहभाग लेना चाहती हुं !

मेरी कविता स्वीकार करें.

*शहीद*

शहीद हुवा हैं मेरा सैनिक
युद्धभूमी गलवान
हम सबको अभिमान शौर्य का
भारत हैं बलवान !!

शस्त्र उठाओ अस्त्र उठाओ
पवित्र भूमी का तिलक लगाओ
स्वदेस मेरा जीवन यारो
यही है मेरी शान !!

निर्भर हैं ये आत्मन मेरा
जब तक है सांसे तनमे
लढता जाऊं कण कण भूमी
गाऊ भारत गान !!

दुष्मन को पानी दिखला दूं
इस मिट्टी की आन
लिये तिरंगा आगे बढता
यही है मेरी जान !!

*Mrunal/vinita ghate*
*Pune*

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