प्यार पनपता है

November 6, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

प्यार पनपता है….
इक नन्हे पौधे की तरह
खोलकर महीन मिट्टी की परतों को
पाकर चंद बूंदे पानी की
खोलकर अपनी हरी बाहें
समा लेना चाहता है दुनिया को इनमें
मगर कभी कभी रूंध जाता है
दुनिया की आपाधापी में
किसी के पैरों तले|

मेरे अहसास लफ़्जों को तरस गये

October 18, 2016 in शेर-ओ-शायरी

मेरे अहसास लफ़्जों को तरस गये
वो क्या गये, हमे खुद के लिये तरस गये

Mere Ahasaasa Lafzo Ko Taras Gaye

Vo Kya Gaye Hum Khud Ke Liye Taras Gaye

उनके मुस्कुराने से आ गयी मुस्कान

October 15, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

उनके मुस्कुराने से आ गयी मुस्कान हमारे चेहरे पर
वरना किसी गम में डूबी जा रही थी जिंदगी मेरी

जिक्र तो बहुत दफ़ा हुआ मिरा उनकी महफ़िल में

October 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी

जिक्र तो बहुत दफ़ा हुआ मिरा उनकी महफ़िल में
मगर मुस्कुराये वो एक भी दफ़ा नहीं, मेरी मुस्कुराहट पे|

कुछ यादें

October 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी

न जाने क्यों कुछ यादें अटक सी जाती है दिल में
बार बार दोहराती रहती है खुद को अधूरे लफ्जों में|

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