ग़ज़ल-ये तुम क्यों भूल गए

June 4, 2017 in ग़ज़ल

  • ग़ज़ल-ये तुम क्यों भूल गए

    मैंने तुम से प्यार किया था…..ये तुम क्यों भूल गए
    तुमको सब कुछ मान लिया था ये तुम क्यों भूल गए

    सुबह थी तुम शाम थी तुम मेरे दिल की जान थी तुम
    सब कुछ तुझपर वार दिया था ये तुम क्यों भूल गए

    हर जन्म साथ निभाने का एक-दूसरे को अपनाने का
    साथ मिलकर कसम लिया था ये तुम क्यों भूल गए

    हर पल तेरा साथ दिया तेरे हर सुख-दुख के लमहों में
    तेरे हर एक जख्मो को सिया था ये तुम क्यों भूल गए

    एक तरफ थे दुनियावाले एक तरफ दीवाना “पियुष”
    सांसों में तुमको बसा लिया था ये तुम क्यों भूल गए

    पियुष राज ,दुमका ,झारखण्ड
    Poem.No- 64 (26 मई 2017)

कुछ पल मेरे साथ बिताओ तो कभी…

April 23, 2017 in ग़ज़ल

विधा-ग़ज़ल
काफिया-ओ
रदीफ़-तो कभी
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चाहती हो मुझे अगर बताओ तो कभी
देख कर मुझको मुस्कुराओ तो कभी

यूँ ना तड़पाओ तुम इतना दिल को मेरे
हाल-ए-दिल अपना सुनाओ तो कभी

दोस्त तो है बहुत पर तुझ से ना कोई
पास बैठकर तुम बतियाओ तो कभी

गम तो बहुत है जिंदिगी में मेरे दोस्त
अपनी प्यारी बातो से हँसाओ तो कभी

अगर रूठ जाऊं किसी बात पर तेरे
तो प्यार जताकर मनाओ तो कभी

क्या रखा है इस छनभंगुर जीवन में
कुछ पल मेरे साथ बिताओ तो कभी

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