मां

August 5, 2020 in Poetry on Picture Contest

मां मैं तुमसे कुछ आज कहूँ।
जग से प्यारी तुम मेरी मइया,
नंदबाबा का मै अनमोल कन्हैया,
फिर क्यू दाऊ है मुझे चिढाए ,
मैं काला मां तू क्यू गोरी,
नंद मुझे क्या मोल के लाए,
माँ मुझे यही कह भइया चिढाए,
कहो मइया मैं नंद गोपाल,
हूँ तेरी आंखो का मै दीपक,
कान पकड़ मैं बोल रहा हूँ,
खीझ कराऊ ना मइया तुझको,
अब तेरी बातों का मान करूँ,
ना खाऊं माखन चोरी करके,
ना चटकाऊ अब गोपियों की मटकी,
फिर भी मां ये जब मुझे सताए,
आ के मैं तेरे आँचल में छिप जाऊं
माँ मैं तुमसे कुछ आज कहूँ, ।।
सिन्जू मौर्या