फौजी

June 28, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

लिपट कर तुझसे तिरंगा भी रोया था
उस पर मरने वाला आज उसमें ही घुसकर सोया था
भारत माँ के सपूत ने चैन शान्ति बाँटी थी
भारत माँ के लिए एक माँ ने अपना लाल खोया था
लिपट कर तुझसे तिरंगा भी रोया था

घर में नन्हीं चहकती सी चिड़िया वो छोड़ आया था
अपने बटुवे में सारा घर घुसा लाया था
बीवी का काजल, पिता का आशीर्वाद संग उसके आया था
हमारे अमन के लिए वो अपनी हर रात नहीं सोया था
लिपट कर तुझसे तिरंगा भी रोया था

ताबूत में वापिस उसको उसका दोस्त लाया था,
आँसू से सबका गला भर आया था
माँ बेसहारा सी थी, पिता बेहाल थे
उसकी बेटी-बीवी ने अपना सब कुछ खोया था
लिपट कर तुझसे तिरंगा भी रोया था
लिपट कर तुझसे तिरंगा भी रोया था

~मयस्सर