Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: संपादक की पसंद
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कविता सुन्दर सुन्दर सपने अपने, सुन्दर अपना हिन्दुस्तान है। जहां बहती नदिया झरने, करती दुनिया गुणगान है। सुन्दर सुन्दर – – – – कर्म धर्म…
“मैं स्त्री हूं”
सृष्टि कल्याण को कालकूट पिया था शिव ने, मैं भी जन्म से मृत्यु तक कालकूट ही पीती हूं। मैं स्त्री हूं। (कालकूट –…
मजदूर
वो आसां ज़िंदगी से जाके इतनी दूर बनता है, कई मजबूरियाँ मिलती हैं तब मजदूर बनता है । वो जब हालात के पाटों में पिसकर…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
गाडी के दो पहिए
मैं स्त्री हूँ , और सबका सम्मान रखना जानती हूँ कहना तो नहीं चाहती पर फिर भी कहना चाहती हूँ किसी को ठेस लगे इस…
Nice
Thanks
Nyc
थैंक्स
Sahi kha
थैंक्स
वाह
Good
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति