“इन्तजार” #2Liner-33

ღღ__नज़रों को इंतज़ार की, सजाएँ इतनी भी ना दो “साहब”;
.
ये बारिशें बिन मौसम की, हमसे अब देखी नहीं जाती !!…….‪#‎अक्स‬

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Responses

    1. कितने दिन गुजर गए पर ना
      गुजरी वो शाम अभी तक
      बहुत ही सुंदर

    1. shukriya Anu ji…..:)
      .
      जिंदगी मजदूर-सी हुई जा रही है..!!
      और लोग “साहब” कहकर ताने मार रहे हैं..!! 😉 😉

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