Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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रिश्तों के बाजार में अब तो नाते बिकते हैं । मात-पिता को छोड़ अब वह सुत प्यारा, अब तो सास श्वसुर के पास रहते हैं…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
नज़र ..
प्रेम होता दिलों से है फंसती नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
कविता : हौसला
हौसला निशीथ में व्योम का विस्तार है हौसला विहान में बाल रवि का भास है नाउम्मीदी में है हौसला खिलती हुई एक कली हौसला ही…
Very nice
Thanks
सुन्दर
सादर धन्यवाद
बहुत बढ़िया
Thanks
NICE
Thanks
Good
सादर धन्यवाद
Very nice
Thank you very much
अरे वाह! बहुत सुंदर
“नज़र रहे मुकाम पर,… चल चलें सुकाम पर” कविता की पंक्तियां सकारात्मकता की और प्रेरित करती हैं।👏
आपकी विद्वत्ता को सैल्यूट है, आपकी पारखी नजर कविता के मुख्य बिंदु पर रहती है, इस बहुमुखी प्रतिभा को अभिवादन
🙏🙏
very nice
Thanks
बहुत अच्छा लिखा है
धन्यवाद जी