एहसास
यादों के समन्दर में डुबकी लगाते हैं,
तुझे हर पल पास अपने पाते हैं।
तु करती हैं वेवफाईं पर,
एहसास हमें रोज मिला ही जाती हैं।
तेरे हालात मेरे पास पहुँच जाते हैं,
तेरे रूदण हमें रुला जाते हैं।
तु मिलती नही एक बार धोखे से भी,
एहसास हमें रोज………….।
हमें शिकवा नही तेरे रुसवाईं से,
गीला भी नही मेरी जग हँसाईं से।
इस भागम-भाग में सुकुन तेरी याद देती हैं,
एहसास हमें रोज………………..।
कई बार सोचता हूँ क्या नाम दूँ?
इस मुलाकात को क्या पहचान दूँ?
चाहत की मर्माहत हमें जला ही देती हैं,
एहसास हमें रोज………….।
जब थककर निढ़ाल हो जाता हूँ,
दुःख की कुहाँसों से भर जाता हूँ।
तेरे हँसी की याद हमें हँसा जाती हैं।
एहसास हमें रोज………….।
Nice
Thanks
Welcome
Sahi likha
Thanks
Atisunder Rachana
Thanks
सुन्दर
Thanks
Sahi h
धन्यवाद।