कविता -सुरक्षित वही है होता |
कविता -सुरक्षित वही है होता |
कोरोना देखे ना जात जान सभी लेता |
रहता ज़ो घर मे सुरक्षित वही है होता |
पहने न मुख बाहर मास्क खतरा बहुत |
बचके रहना सभी आदमी आम या नेता |
धोना हर घंटे हाथ अपना उपाय यही है |
सब है एक समान अनपढ़ या वेद वेता |
न भीड़ न जलसा ना महफिल सजानी है |
रहना बनाके दूरी सभी जीत वही है लेता |
लगा नहीं युही लोक डाउन कारण बड़ा है |
तोड़ा जो नियम कोरोना बीमार कर देता |
जीत लेता भारत जंग पर लापरवाही हुई |
जारी जंग कोरोना देश संकट पार है खेता |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब 9955509286
व्हात्सप्प्स -8210525557
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