दिल की बस्ती
खुश रहने की वजह ढूंढ़ोगे,
तो कम ही मिलेंगें।
यहाँ हर चेहरा हस रहा बाहर से,
पर अन्दर तो गम ही मिलेंगें।।
झाँक कर देखोगे दिल की बस्ती में,
तो बस खाली शहर ही मिलेंगें।
‘
नवीन’ नही कोई जहाँ में अपना ,
यहाँ बस पराये ही मिलेंगें।।
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 24, 2019, 7:22 am
सुंदर
Rajendra Dwivedi - December 24, 2019, 8:39 am
धन्यवाद जी
Abhishek kumar - December 24, 2019, 8:14 am
Wow
Rajendra Dwivedi - December 24, 2019, 8:40 am
सह्रदय नमस्कार
Pragya Shukla - December 24, 2019, 10:17 am
Sahi h
Rajendra Dwivedi - December 24, 2019, 2:01 pm
शुक्रिया
देवेश साखरे 'देव' - December 24, 2019, 10:56 am
वाह
Rajendra Dwivedi - December 24, 2019, 2:02 pm
धन्यवाद जी