बटुआ
पति के बटुए पर अक्सर ही नज़र टिकाई जाती थी,
पति जो भी कमाये वो पत्नी हाथ कमाई जाती थी,
भूख लगने पर रोटी जो चूल्हे में ही पकाई जाती थी,
चार लोगों को बैठाकर इज्जत से खिलाई जाती थी,
आज मिलता नही समय अपने रिश्ते सम्भालने का,
पहले जमकर के आँगन में चौपाल लगाई जाती थी,
खरीदकर पहने जाते हैं आज तन ढकने को कपड़े,
पहले तो माँ के हाथों ही जर्सी सिलवाई जाती थी।।
राही अंजाना
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nitu kandera - November 14, 2019, 5:09 pm
Nice
राही अंजाना - November 14, 2019, 6:55 pm
धन्यवाद
Poonam singh - November 14, 2019, 5:52 pm
Nice
राही अंजाना - November 14, 2019, 6:55 pm
10x
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - November 14, 2019, 5:53 pm
बहुत खूब
राही अंजाना - November 14, 2019, 6:55 pm
10x
देवेश साखरे 'देव' - November 14, 2019, 6:19 pm
Wah
राही अंजाना - November 14, 2019, 6:56 pm
10x
राम नरेशपुरवाला - November 14, 2019, 7:23 pm
Wah
राही अंजाना - November 15, 2019, 12:40 pm
Thanks
Ashmita Sinha - November 16, 2019, 12:16 am
Nice
राही अंजाना - November 18, 2019, 10:12 pm
धन्यवद
NIMISHA SINGHAL - November 16, 2019, 12:53 am
Hahaha
राही अंजाना - November 18, 2019, 10:12 pm
धन्यवाद
Neha - November 18, 2019, 8:14 pm
Waah
राही अंजाना - November 18, 2019, 10:12 pm
धन्यवाद
Abhishek kumar - November 23, 2019, 10:36 pm
सही
राही अंजाना - November 24, 2019, 7:36 pm
धन्य
Pragya Shukla - December 10, 2019, 11:00 am
Good
Pragya Shukla - February 29, 2020, 5:44 pm
Nice