मोर मन के परेवना
मोर मनके परेवना
★★★★★★★
कोयली कस कुहकत जीवरा के मैना न |
महकत अमरैय्या गोंदा तय फूले जोहि ||
मोर मन म बसे हिरदे के परेवना ओ |
संगी घलो हर झूमत नजरे नजर म न ||
लाली कस परसा दिखत रुपे ह तोरे ओ |
दिखत रिकबिक घलो टिकली सिंगारे ह ||
तोरेच आगोरा म जीवरा ह संगवारी न |
कलपत हिरदे हावे रतिहा आगोरा ओ ||
नइ मिले थोड़कुन आरो ह तोरेच जोहि |
मन मे पीरा घलो मन कुमलाये भारी न ||
तिहि मोर परेवना अस सुवा तय मोर घलो |
आसा मोर मनके घलो हिरदे के जीवरा ओ ||
दगा झन दे मोला बगिया के गोंदा ओ |
पीरा हिरदे म हावे घलो मन ह भारी न ||
तेहर तो जल्दी आजा मोर तय परेवना ओ |
तोरेच आगोरा म हिरदे हर जुड़ावत हावे ||
योगेश ध्रुव”भीम”
Good
👏👏
Nice
वाह
waah waah ati sundar