ये समय फिर ना मिले दुबारा
यह समय फिर ना मिले
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“दौड़ भाग की जिंदगी सुकून छीन ले गई,
हम दौड़ते ही रह गए जिंदगी पीछे रह गई।”
वक्त फिर भी ना रुका,
सबको ठहरा सा दिया।
भागी दौड़ी सी थी जो,
बेबसी से वो थमी।
जो कभी रुकी ना थी,
ठहर गई यहीं कहीं।
ऐसा तो हुआ ना कभी,
जैसा हुआ इस बार अभी।
विश्व संकट में पड़ा,
डर से बुरा हाल हुआ।
मौत का शिकंजा देखा,
आंखों देखा हाल हुआ।
हमने छोड़ा था सुकून,
वक्त ने छीन लिया।
जाना सबने फिर सही,
जिंदगी और भी है।
जीना अपनों के लिए,
खुशियों का ठौर भी है।
खुशियां समझो तो बहुत,
मानो दुख तो और भी हैं।
समझो बर्तन है भरा,
आधा खाली भी वही है।
जो मिले खुशियां ले लो,
दुखों को छोड़ो वही।
दौड़ो जिंदगी के लिए,
न की घुड़दौड़ के लिए।
वक्त ने दिया तुम्हें,
बड़ा अनमोल समय।
सदुपयोग करो इसका,
समझो ना कैद इसे।
जियो जी भर के इसे,
यह समय फिर ना मिले।
यह समय लौटेगा न,
जियो जी भर के इसे।
निमिषा सिंघल
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Pragya Shukla - April 15, 2020, 8:32 am
Good
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - April 15, 2020, 11:10 pm
Nice
Dhruv kumar - April 26, 2020, 6:42 am
Nyc
Abhishek kumar - May 10, 2020, 10:40 pm
Good