“लालच” #2Liner-19
ღღ__वो तो लालच है उनके ख्वाबों का, जो हमें सुला देता है “साहब”;
.
वरना नींदें तो उनकी यादों ने, एक अरसे से उड़ा रक्खी हैं !!…….#अक्स
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waaah
shukriya bhai……….:)
wah…very nice
thanks a lott Anu ji…….
Kya khub khaa aap ne…..
shukriya bhai……:)
नींद ना आयेगी अब, उनकी यादें आ गयी है
उनकी यादों और नींद में बनती नहीं..
bht khoob
120. ღღ___ये कहाँ की रीत है साहब, कोई जागे-कोई सोये;
रात सबकी है, तो नींद भी सबको आनी चाहिये !!‧•◦○●◯
Nice
अद्भुत लेखन