लिख कवि लिख
लिख कवि
लिख कवि लिख
भावनाओं में बहकर लिख
खुशीयों में फूदक कर लिख
दर्द आह महसूस कर लिख
तन्हाई को साथी बनाकर लिख
लिख कवि लिख
अफसर का रौब लिख
नेता की बेईमानी लिख
भ्रष्टाचार की परछाई लिख
दुनिया के चापलूसी को लिख
लिख कवि लिख
गरिबों का भूख लिख
नंगे पांव का छाला लिख
बेरोजगारों का ताना-बाना लिख
दिन दुखियों के मन का पीड़ा लिख
लिख कवि लिख
अमीरों का निकला पेट लिख
छल कपट का राजनिति लिख
मजदूरों का खून पसीना लिख
अमीरों के धन दौलत की बेचैनी लिख
लिख कवि लिख
माथे पर का लकिर लिख
किस्मत का तकदीर लिख
होशियार का चालाकी लिख
मजबूर का वेवसी परछाई लिख
महेश गुप्ता जौनपुरी
👌👌
Nice
👌👌