आप इस जिन्दगी को
आफ़ताब का उजाला औऱ
शीतलता हो शशि की
आप इस जिन्दगी को
बड़ी सौगात रब की।
आप गर जिन्दगी में
न होते तो कहें क्या
कहानी ही न होती
बिखर जाती ये कब की।
आफ़ताब का उजाला औऱ
शीतलता हो शशि की
आप इस जिन्दगी को
बड़ी सौगात रब की।
आप गर जिन्दगी में
न होते तो कहें क्या
कहानी ही न होती
बिखर जाती ये कब की।
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Very nice lines
बहुत बहुत धन्यवाद जी
बहुत खूब
सादर धन्यवाद जी
बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियां हैं सतीश जी कविता पढ़ के समीक्षा के लिए शब्द ही नहीं मिल रहे हैं। लाजवाब…काबिले तारीफ़।
इतनी सुन्दर कविता लिखते हैं आप…आपसे सीखना पड़ेगा ।
इतनी शानदार समीक्षा करती हैं आप, धन्यवाद शब्द भी कम पड़ जाता है। अभिवादन के सिवा क्या कहें। लेकिन लेखनी आपकी जबरदस्त है।
Thank you
बहुत खूब पाण्डेय जी
बहुत बहुत धन्यवाद
Very nice lines
Thank you जी
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद सुमन जी, आप स्वयं भी बेहतरीन लिखती हैं।
उम्दा लिखने लगे हैं आजकल आप…
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा जी